गणेश जोशी
स्वामी रामदेव केन्द्र की यूपीए सरकार के खिलाफ आग उगलने लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी को कालेधन को विदेश से वापस लाने वाला बड़ा समर्थक मान रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस अभियान में बसपा व भाकपा माले को भी शामिल कर लिया है। मतदाता जागरुक अभियान के तहत पांच राज्यों में चुनाव से पहले उनका यह फंडा कितना लंग लाता है, बहरहाल उन्होंने कांग्रेसी नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं। स्वामी रामदेव को उत्तराखंड में सभा करने की अनुमति न मिलने के बाद अब चार फरवरी से उत्तर प्रदेश में सभाओं को संबोधित करते हुए नजर आयेंगे।
भ्रष्टाचार के मामले में स्वामी रामदेव केवल केन्द्र की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार मान रहे हैं। इसके लिए उनके पास अपने तर्क है। कालेधन को विदेश से वापस लाने का प्रयास न करना और सशक्त लोकपाल बिल को लटकाना उनका मुख्य मुद्दा है। उत्तराखंड में मतदाता जागरूकता अभियान के जरिये इन मुद्दों को खूब भुनाना चाहते थे लेकिन उन्हें सभा करने की अनुमति ही नहीं मिली। अब उनके पास केवल मीडिया का सहारा बचा। स्वामी रामदेव ने कहा कि मेरे विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम मीडिया ही है। भारतीय जनता पार्टी व बहुजन समाज पार्टी में बागियों व दागियों के भी चुनाव लडऩे के प्रश्न पर स्वामी रामदेव नरम दिखने लगते हैं, फिर बोलने लगते है, हमारी लड़ाई दल विशेष से नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है। राजनीति में शुचिता होनी चाहिये। इसके लिए चुनाव सुधार की आवश्यकता है। जिताऊ दागी हो या बागी का सूत्र नहीं चलना चाहिये। उत्तराखंड में अनुमति न मिलने के बाद अब स्वामी रामदेव चार फरवरी से उत्तर प्रदेश में सभाएं करेंगे।
ramdev ki nirali baatein.
ReplyDeleteye sab hamare system failure ke karan hai..........
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