उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2012 मतदान के बाद
::::नजरिया::::
गणेश जोशी
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उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2012 का महापर्व शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। 788 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में कैद हो गया। प्रत्याशी से लेकर उनके आका अब गुणा-भाग में व्यस्त हो गये। मतदाताओं के जबरदस्त उत्साह ने राजनीति दलों का आकलन बदल दिया। इस बीच प्रदेश में किसी एक दल की लहर नहीं दिख रही थी, फिर भी मतदाताओं का उत्साह किसे सत्तासीन करेगा? यह फैसला तो छह मार्च को होगा लेकिन इस स्थिति को परिवर्तन की बयार से भी देखा जा रहा है।
राज्य के 13 जनपदों में 63.63 मतदाताओं पर 788 प्रत्याशियों के भाग्य के फैसले की जिम्मेदारी थी। 70 विधायकों को विधानसभा में भेजकर मूलभूत सुविधाओं से ही पिछड़ रहे राज्य को नई दिशा की तरफ ले जाने का महान कार्य करना था। काबिले तारीफ ही है कि राज्य के मतदाताओं ने 70 प्रतिशत से अधिक मतदान कर अति उत्साह का परिचय दिया। पर्वतीय क्षेत्र के नौ जनपदों से छह विधानसभा सीटें कम होने के बावजूद मतदाताओं के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी। पलायन, बेरोजगारी, स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से ही जूझ रहे पर्वतीय क्षेत्रों के नागरिक विकास की बाट जोह रहे हैं। इसमें मौसम ने उनका साथ दिया। लोग मतदान केन्द्रों तक पहुंचे और अपने प्रत्याशी को जिताने की ठानी। मतदाताओं के इस अति उत्साह ने दो प्रमुख राजनीतिक दल सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस के रणनीतिकारों की बेचैनी बढ़ा दी। क्योंकि, दोनों दल भ्रष्टाचार दूर करने और विकास करने का नारा देकर फिर सत्तासुख भोगना चाहते हैं। 11 साल के राज्य में कांग्रेस व भाजपा दोनों दल पांच-पांच साल शासन कर चुकी हैं। एकमात्र क्षेत्रीय दल भी सत्ता में शामिल होकर बिखर चुका है। दोनों दलों के एजेंडे व कार्यनीति से जनता बखूबी परिचित थी। विकल्पों की कमी थी। राज्य में किसी भी एक दल की लहर नहीं चल रही थी। इसके बाद भी जनता में मतदान को लेकर दिखा जबरदस्त जोश राज्य में पनप रहे छोटे-छोटे राजनीतिक दलों को कितना महत्व देगा? या इन दलों में राज्य की उन्नति से लेकर पहाड़ के जल, जंगल व जमीन की चिंता करने वाले दलों में कितना विश्वास रहेगा? परिणाम घोषित होने तक फिलहाल कयास ही लगाया जा सकता है। फिर भी राजनीतिक विश्लेषक इसे परिवर्तन की दृष्टि से भी देख रहे हैं।
parivartan ko aane do....
ReplyDeleteonly two days r left.........
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