Thursday, June 28, 2012

मरीज, समाजसेवी और मीडिया


अगर एक ही समाजसेवी की महिमा का मीडिया में बखान कर दिया जाएगा तो बाकी समाजसेवी परेशान हो जाते हैं। फिर वो नए मरीज को ढूंढते हैं। बरसाती मेढक की तरह उभरे इन समाजसेवियों के आगे परंपरागत तरीके से कई वर्षों से मरीजों की सेवा करने वाले समाजसेवियों का कद बौना हो गया है।




अगर आप गरीब मरीजों की सेवा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका देखना चाहते हैं तो इन दिनों उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के हल्द्वानी शहर आ सकते हैं। आए दिन नए मरीज की पीड़ा और उस पर सामाजिक कार्यकर्ताओं का सेवा भाव और मीडिया की भूमिका नित नए अंदाज में देखने को मिलेगी। शहर के कुछ लोग मीडिया में प्रकाशित मरीज की गुहार को सुनकर आर्थिक मदद को आगे भी आ जाएंगे। इसका असर यह हो रहा है कि धीरे-धीरे गरीब मरीज भी सरकारी अस्पताल में बढ़ते हुए दिख रहे हैं और सामाजिक कार्यकताओं की संख्या भी उसी तेजी से बढ़ गई है। एक मरीज पर आधा दर्जन से अधिक समाजसेवी जुट गए हैं। तब तक उनकी सेवा पूरी नहीं होगी, जब तक मीडिया में उसकी खबर नहीं छप जाती है। यानि कि मरीज के साथ सामाजिक कार्यकर्ता का बयान भी आवश्यक है। इसमें भी एक नहीं दो-दो और चार-चार समाजसेवियों का जिक्र करना होगा। अगर एक ही समाजसेवी की महिमा का मीडिया में बखान कर दिया जाएगा तो बाकी समाजसेवी परेशान हो जाते हैं। फिर वो नए मरीज को ढूंढते हैं। बरसाती मेढक की तरह उभरे इन समाजसेवियों के आगे परंपरागत तरीके से कई वर्षों से मरीजों की सेवा करने वाले समाजसेवियों का कद बौना हो गया है। इस बीच इन समाजसेवियों को कुमाऊं की प्रसिद्ध गायिका कबूतरी देवी मिल जाती हैं, इससे लगता है, इन्हें कोई बहुत बड़ा मुद्दा मिल गया है। अब तो निश्चित हो गया, मीडिया में छपने का। इसे तो मीडिया हाथों-हाथ लेगा। और मीडिया ने इसे हाथों-हाथ लिया भी। भले ही कबूतरी देवी का इलाज हो गया और अब वह स्वस्थ है और हमारी शुभकामनाएं भी हैं कि वह दीर्घायु रहें। लेकिन हल्द्वानी के निजी अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पताल ले जाने की प्रक्रिया, अलग-अलग लोगों के बयान, अलग-अलग लोगों के प्रेस कान्फ्रेंस ने जिस तरह का माहौल पैदा किया, इससे उपचार करने वाले डाक्टर भी चौंक गए। चंद लोगों के वास्तविक सेवा भाव को छोड़कर बाकी लोगों के मीडिया में छपने के शौक ने कई लोगों के दिमाग में शक भी पैदा कर दिया। इस दौरान जब राज्य के मुखिया निकट के जनपद की सीट सितारंगज सीट से चुनाव लड़ रहे हों तो, उन तक भी यह खबर पहुंच गई या पहुंचा दी गई। सीएम पहुंचे और कबूतरी देवी को देखा, इसका भी असर रहा है कि कबूतरी का इलाज एम्स में कराया गया।

2 comments:

  1. स्वयंभू समाजसेिवयों का शहऱ़़़,,,,पहचान का सहारा

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Thanks