अहा, आज का दिन मानो कितना खुशी का है। बहुत अच्छा लग रहा होगा, उन भाजपा के कार्यकर्ताओं को, जो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पीएम बनते हुए देखना चाहते हैं। कई कार्यकर्ता इतने जश्न में डूब गए हैं कि मानो मोदी आज ही पीएम बन गए हों। उन्हें पता नहीं इतनी जल्दी भी ठीक नहीं। फिर भी अच्छी बात है, लेकिन यह उनका अंदर का मामला है।
हमें तो भाई विकास चाहिए। भ्रष्टाचार मिटाना है। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने हैं। विदेश नीति को दुरुस्त करना है। कुपोषण के शिकार बच्चों के लिए पोषण उपलब्ध कराना है। दो वक्त की रोटी से वंचित लोगों को रोटी उपलब्ध कराना है। महंगाई पर लगाम कसना होगा। देश की आंतरिक व वाहय सुरक्षा को मजबूत करना होगा। नशे की तरफ बढ़ती युवाओं की प्रवृति रोकनी होगी। आज भी दुर्गम क्षेत्रों में महिलाएं हाड़तोड़ मेहनत करने को मजबूर हैं। गुणवत्तायुक्त शिक्षा से वंचित हैं। इनके लिए बनाई गई योजनाओं के क्रियान्वयन की आवश्यकता है। साथ ही सरकारी व निजी शिक्षा के बढ़ते अंतर को पाटना होगा। गरीब व अमीर के बीच गहरी होते जा रही खाई को पाटने के लिए नए तरीके से सोचना होगा। बाबुओं और अधिकारियों की काम न करने की नकारात्मक प्रवृति को सकारात्मकता में बदलना होगा। देश को जातिवाद, भाषावाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद, नक्सलवाद, माओवाद से निपटना होगा। कर्ज के बोझ को कम करना होगा। आर्थिक विकास दर बढ़ाना होगा। मोदी के लिए हवाई वाह-वाह करने के बजाय, हकीकत से रू-ब-रू होना होगा। भावी प्रधानमंत्री के सामने चुनौतियां कम नहीं है। अगर कोई भी दल अगर प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर रहा हो, उसे पहले देश की वास्तविक नब्ज टटोलनी होगी।
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