Sunday, September 8, 2013

खूबसरत शहर के चेहरे पर अतिक्रमण का दाग





   लालच, रसूख, हवस, दबंगई और राजनीतिक अतिक्रमण की चपेट से शहर को मुक्त करने के लिए इस जनपद के जिलाधिकारी रहे सूर्य प्रताप सिंह जैसे हिम्मती अधिकारियों को एक बार फिर तैनात किए जाने की आवश्यकता है, जिससे की शहर के सौन्दर्य को पुनर्जीवित किया जा सके। नया स्वरूप दिया जा सके।

 

गणेश जोशी
    कुमाऊ के प्रवेश द्वार स्थित व्यापारिक, राजनीतिक व शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर हल्द्वानी के चेहरे पर अतिक्रमण का दाग गहरा हो चुका है। अतिक्रमण की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। अतिक्रमणकारी बेशर्मी की सारी हदें पार कर चुके हैं। इन्होंने शमशान घाट तक को अतिक्रमण की चपेट में लेना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय राजमार्ग में तीन से पांच फुट तक की सड़क पर कब्जा कर लिया है। मुख्य बाजार में नालियों के ऊपर पक्का निर्माण कर डाला। अधिकांश आवागमन वाली गलियों को दुकानें में तब्दील कर लिया गया है। वाहियातपना देखिए, पेशाब घर तक बेच डाला। जब दुकानों को आधी सड़क तक पहुंचा दिया जाता है तो भी अति लालची लोगों की हवस शांत नहीं हो पाती है। चंद पैसों के लालच में दुकानों के ठीक आगे ठेला लगवा दिया जाता है। अपनी दुकान के आगे की सड़क के स्वयंभू मालिक बनकर शेष आवागमन के स्थान पर अपना वाहन खड़ा दिया जाता है। इन अतिक्रमणकारियों को न ही बिक चुकी पुलिस का डर है और न ही पीछे से जेब गर्म करने वाले नगर निगम व प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों का। कथित तौर पर विकास का नारा देने वाले सत्तालोलुप व वोटों के लालची जनप्रतिनिधियों को तो ये अतिक्रमणारी आंखें दिखाने लगते है। यहां तक कि जिस विभाग को अतिक्रमण पर निगरानी की जिम्मेदारी है, उसी ने अपनी दुकानें भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ाई हैं। इससे खूबसूरत पहाड़ों की तलहटी पर बसे शानदार शहर की शान में बदसूरती का गहरा दाग लगा हुआ है। अनियोजित विकास के साथ अबाध गति से बढ़ती आबादी भी अतिक्रमण के दाग को साफ करने के बजाय और गहरा कर रही है। लालच, रसूख, हवस, दबंगई और राजनीतिक अतिक्रमण की चपेट से शहर को मुक्त करने के लिए इस जनपद के जिलाधिकारी रहे सूर्य प्रताप सिंह जैसे हिम्मती अधिकारियों को एक बार फिर तैनात किए जाने की आवश्यकता है, जिससे की शहर के सौन्दर्य को पुनर्जीवित किया जा सके। नया स्वरूप दिया जा सके। उच्चकों से बचते हुए महिलाएं, बच्चे भी स्वच्छंद होकर बाजार भ्रमण का आनंद ले सकें। उस कार्रवाई के समय की तरह कथित रूप से बड़ों-बड़ों के छक्के छुड़ाए जा सकें। कुछ दिन पहले सिटी मजिस्टेªट व मुख्य नगर अधिकारी आरडी पालीवाल ने बाजार में अतिक्रमण हटाने की अनूठी और हिम्मतभरी पहल तो की थी, लेकिन कार्रवाई एक दिन के बाद फिर नोटिस पर आकर थमने लगी है। जबकि बाहरी तौर पर उन्हें समर्थन तो मिलने लग गया था। व्यापारिक संगठनों के कुछ अतिक्रमणकारी सदस्य भी अपने आकाओं की उम्मीदों पर दुम दबाए बैठ गए थे। खैर, हम लोग तो सकारात्मकता, निष्पक्षता और ईमानदारी से अतिक्रमणकारियों से शहर को मुक्त करने की उम्मीद करते हैं, जिससे कि शहर की शान में चार चांद लग सकें। अभियान जारी रहेगा..., पांच सितंबर को दैनिक जागरण, हल्द्वानी की ओर से पाठक पैनल में अतिक्रमण की समस्या, समाधान और चुनौतियां विषय पर आयोजित चर्चा में शहर के कुछ व्यापारी और कुछ सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए। सीओ सिटी लोकजीत सिंह भी उपस्थित थे। जब बहस आरंभ हुई तो इस तरह के कई चौंकाने वाली जानकारियों से रू-ब-रू हुए। यूनिट हेड अशोक त्रिपाठी की अध्यक्षता में बहस का संचालन उप संपादक गणेश जोशी ने किया।

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