Friday, February 18, 2011

सिनेमा की यर्थाथता के पक्षधर थे निर्मल


बैडिंट क्वीन के विक्रम मल्लाह से मिली प्रसिद्धि

         पर्वतीय संस्कृति के लिए चिंतित रहने वाले और हिन्दी सिनेमा में वास्तविकता के पक्षधर निर्मल पाण्डे उत्तराखंड के लिए गौरव थे। बॉलीवुड की रपटीली दुनिया में अपना मुकाम हासिल कर चुके थे। अपने अभिनय कला से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने की कला में निपुण हो गये थे। लेकिन प्रतिभावान अभिनेता की दिलकश आवाज केवल 46 वर्ष में ही खामोश हो गयी। उनका अकस्मात् जाना हर किसी को स्तब्ध कर गया था। 18 फरवरी को उनकी पहली पुण्यतिथि होगी।
मध्यवर्गीय परिवार में मूल रूप से द्वाराहाट के पान गाँव के निर्मल पाण्डे का जन्म 11 अगस्त 1962 में बड़ा बाजार नैनीताल में हुआ था। बचपन से ही मेधावी और रंगमंच के शौकीन थे। प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय गौशाला और सीआरएसटी इंटर कालेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। डीएसबी से स्नातक व परास्नातक के साथ ही रंगमंच में अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाने लगे। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक करने के दौरान उन्होंने नाटकों व फिल्मों में भाग्य आजमाना शुरू कर दिया। फिल्मी दुनिया में बिना गॉडफादर के सफलता की सीढिय़ां चढ़ते हुए निर्मल पाण्डे की पहली फिल्म इडियट थी, लेकिन यह परदे पर असफल रही। निर्देशक शेखर कपूर की फिल्म बैडिंट क्वीन में विक्रम मल्लाह की भूमिका ने शानदार अभिनय के लिए वे सुर्खियों में आ गये। इसके बाद उन्होंने दो दर्जन से अधिक फिल्मों में नायक व खलनायक की दमदार भूमिका के जरिये फिल्मी जगत में हलचल मचा दी। निर्देशक अमोल पालेकर की फिल्म दायरा में अभिनेत्री की भूमिका में निर्मल पाण्डे को फ्रांस का प्रतिष्ठित एक्ट्रेस अवार्ड भी मिला था। इस फिल्म को टाइम मैगजीन ने भी 1997 में सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार किया था। पिता हरीश चन्द्र पाण्डे और माता रेवा पाण्डे के छह बच्चों में वे तीसरे नंबर के थे। उन्हें प्यार से नानू भी कहा जाता था। भीमताल में 1984 में सरकारी नौकरी भी लगी लेकिन उनके अभिनय के जुनून ने उन्हें मुंबई पहुंचा दिया। उनकी व्यक्तिगत जिन्दगी में भी कई उतार-चढ़ाव आये। उनका पहला विवाह प्रसिद्ध अभिनेता आमिर खान की चचेरी बहन अग्$जी कौशल से हुआ था लेकिन यह बहुत दिन तक स्थिर नहीं रहा। इसके बाद 2005 में उन्होंने लखनऊ निवासी टीवी कलाकार अर्चना से शादी की, जिससे जुड़वा बच्चे हैं। उनके नाटक भी देश में ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध हुये। इसमें जिन लाहौर नहीं देख्या व अंधायुग शामिल है। टीवी धारावाहिक हातिम में भी उनकी सशक्त भूमिका रही। उन्हें जज्बा एलबम के जरिए भी अच्छी प्रसिद्धि मिली।
निर्मल की कुछ प्रसिद्ध फिल्में
इस रात की सुबह नहीं
औजार
प्यार किया तो डरना क्या
 जहां तुम ले चलो
ट्रेन टू पाकिस्तान
शिकारी
गॉडमदर
वन टू का फोर
हम तुम पे मरते हैं
जीतेंगे हम
पगला
खफा
हद कर दी आपने

1 comment:

  1. बढ़िया जानकारी दी आपने । मेरी , फिल्म industry में जानकारी कम रहती है । अच्छी लगी जानकारी ।

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Thanks